Wednesday, August 15, 2018

जानें, प्राइवेट पार्ट के साइज से क्यों नहीं पड़ता फर्क

सवाल: मैं 40 साल का हूं। मुझे कोई बीमारी नहीं। लेकिन मेरा प्राइवेट पार्ट दिन-ब-दिन छोटा होता जा रहा है। कृपया कोई इलाज बताएं? 
जवाब: जब कोई आदमी टेंशन में हो तो उस वक्त प्राइवेट पार्ट में कुछ वक्त के लिए खून कम हो जाता है और ऐसा महसूस होता है कि इसका साइज घट गया है। जब आप तनाव-मुक्त हो जाएंगे तो प्राइवेट पार्ट सामान्य स्थिति में आ जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो जितनी फिक्र करेंगे, यह उतना ही सिकुड़ जाएगा और जितना बेफिक्र हो जाएंगे, वह फिर से अपनी नॉर्मल साइज का हो जाएगा। सच तो यह है कि एक ही अवस्था में चिंतित
और उत्तेजित होना नामुमकिन है। सच तो यह है कि सुसुप्त अवस्था (जब आप उत्तेजित नहीं होते) में पुरुष के प्राइवेट पार्ट के साइज की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि वह सिर्फ पेशाब करने के ही काम आता है। 

हां, उत्तेजित अवस्था में साइज का महत्व जरूर है। स्त्री के प्राइवेट पार्ट की कुल लंबाई 6 इंच है। सिर्फ आगे के एक तिहाई हिस्से यानी 2 इंच में ही सेंसेशन होता है। अंदर का 4 इंच चेतना रहित है। लॉजिक यह कहता है कि अगर पुरुष का प्राइवेट पार्ट उत्तेजित अवस्था में 2 इंच या दो इंच से से ज्यादा हो तो सुखद सहवास के लिए काफी है। जितना लंबा, उतना बेहतर वाली सोच, दरअसल एक गलतफहमी है। 

नोट: 20 साल की उम्र के बाद प्राइवेट पार्ट की लंबाई अमून बढ़ती या घटती नहीं है। 

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