Tuesday, September 25, 2018

सुवर्णसंधी


मेरी पत्नी सहवास में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेती, जबकि मुझे हर दिन सहवास करना अच्छा लगता है। क्या सभी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सहवास की इच्छा कम होती है

सवाल: मेरी पत्नी सहवास में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेती, जबकि मुझे हर दिन सहवास करना अच्छा लगता है। क्या सभी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सहवास की इच्छा कम होती है या फिर यह व्यक्तिगत समस्या है कुछ लोगों के मन में यह गलत धारणा होती है कि हस्तमैथुन, स्वप्न मैथुन, यौन अपराध, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामले महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होते हैं। इसी कारण कुछ लोग सोचते हैं कि पुरुष ज्यादा कामुक होते हैं। हालांकि ऐसे पुरुषों की संख्या भी कुछ कम नहीं है, जो यह सोचते हैं कि महिलाएं ज्यादा कामुक होती हैं। इसका कारण यह है कि एक बार क्लाइमैक्स पर पहुंचने के बाद भी अगर महिलाओं को पर्याप्त उत्तेजना दी जाए तो वह कई बार क्लाइमैक्स पर पहुंचने की क्षमता रखती हैं, जो पुरुष के लिए मुमकिन नहीं। पुरुष एक बार क्लाइमैक्स पर पहुंच गया तो दूसरे सहवास के लिए तैयार होने में उसे वक्त लगता है। वह दूसरे सहवास के लिए तुरंत उत्तेजित नहीं हो सकता। इसी वजह से कई बार ऐसा लगता है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा कामुक होती हैं। मेरे अनुभव में सेक्स में दिलचस्पी व्यक्ति विशेष, माहौल, पार्टनर की पसंद, आकर्षण जैसी बहुत-सी चीजों पर निर्भर करता है। इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कुछ भी कहना सही नहीं है। 

Friday, August 17, 2018

सवालः मेरी एक सेक्स से जुड़ी समस्या है, हालांकि इसे लेकर मैं श्योर भी नहीं हूं। जब भी मैं पार्टनर से सेक्स करता हूं, बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो जाता हूं। क्या मैं नामर्द हूं? कोई कैसे पता करे कि वह नामर्द है? क्या इसका इलाज मुमकिन है?

सवालः मेरी एक सेक्स से जुड़ी समस्या है, हालांकि इसे लेकर मैं श्योर भी नहीं हूं। जब भी मैं पार्टनर से सेक्स करता हूं, बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो जाता हूं। क्या मैं नामर्द हूं? कोई कैसे पता करे कि वह नामर्द है? क्या इसका इलाज मुमकिन है?
जवाबः आपका कहना है कि जब आप पार्टनर के साथ सहवास करते हैं तब जोश इतना बढ़ जाता है कि आप कंट्रोल नहीं कर पाते और सीधे क्लाइमैक्स पर पहुंच जाते हैं। यह नामर्दगी की नहीं, जल्दी डिस्चार्ज की समस्या है। पुरुषों के मामले में सेक्स के दौरान चार अवस्थाएं होती हैं - ख्वाहिश (कामेच्छा), प्राइवेट पार्ट में तनाव, प्रवेश (सहवास) और क्लाइमैक्स (डिस्चार्ज)। जहां तक बात नामर्दगी की है तो इस बीमारी में पुरुष प्राइवेट पार्ट में न तो सही तनाव ही आता है और अगर जो आता भी है वह बरकरार नहीं रह पाता कि वह खुद को या पार्टनर को संतुष्ट कर सके। चूंकि आपको तनाव होता और कामेच्छा भी भरपूर होती है, इस लिहाज से आपको नामर्दगी की बीमारी नहीं है। वैसे, पहले नामर्दगी को लाइलाज माना जाता था लेकिन अब इसका इलाज 100 फीसदी संभव है। किसी भी उम्र में इसका इलाज मुमकिन है। कहते हैं न कि सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। 

जहां तक बात आपके जल्दी डिस्चार्ज होने की है तो आप डिपॉक्सिटीन 60 एमजी (Depoxitin 60mg) की 1 गोली, 1 गिलास पानी के साथ सेक्स से एक घंटे पहले ले सकते हैं। इसका असर 4 घंटे तक रहता है और इसे 24 घंटे में एक बार लिया जा सकता है। इससे ज्यादातर जल्दी डिस्चार्ज की समस्या में फायदा होता है। कई बार प्राइवेट पार्ट के आगे के हिस्से के अधिक सेंसिटिव होने से भी ऐसी समस्या आ सकती है। इसके लिए आप मार्केट में मौजूद संवेदना कम करने वाली क्रीम या स्प्रे का सहारा ले सकते हैं। बस ध्यान रखें कि सहवास से पहले क्रीम लगाए हुए हिस्से को पानी से धो लें, वरना प्रवेश के बाद आपके पार्टनर की प्राइवेट पार्ट की संवेदना कम हो जाएगी। इसका पर्मानेंट इलाज अश्विनी और वज्रोलि जैसी योग मुद्राओं से भी संभव है। जब तक जल्दी डिस्चार्ज की समस्या रहे तब तक एक या दूसरी तरह से अपने पार्टनर को संतुष्ट जरूर करें क्योंकि संभोग का मतलब ही है बराबर का भोग (आनंद)! 

नोट : एक और नुस्खा है, पुरुष जब पेशाब करें तो रुक-रुक कर करें यानी पेशाब करते वक्त थोड़ा रुकें (लगभग 1 सेकंड) और फिर जारी रखें। ऐसा करने से भी कभी-कभी सहवास में अधिक वक्त मिलेगा। इसकी वजह यह है कि दिमाग यह नहीं समझता कि आप किस लिक्विड (पेशाब या सीमेन) को शरीर से बाहर निकाल रहे हैं। ऐसा करने से क्लाईमैक्स तक पहुंचने का वक्त अपने आप बढ़ जाएगा। 

सवाल-मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं। मुझे सहवास की इच्छा भी होती है, प्राइवेट पार्ट में तनाव भी होता है लेकिन कोशिश करने के बाद भी सफल सहवास नहीं कर पाता। क्या वजह हो सकती है, कोई इलाज

सवाल-मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं। मुझे सहवास की इच्छा भी होती है, प्राइवेट पार्ट में तनाव भी होता है लेकिन कोशिश करने के बाद भी सफल सहवास नहीं कर पाता। क्या वजह हो सकती है, कोई इलाज
जवाब- यह आम समस्या है। कई बार समस्या आपमें हो सकती है और कई बार आपके पार्टनर में भी हो सकती है। आपका कहना है कि इच्छा बराबर होती है तनाव भी ठीक से आता है लेकिन प्रवेश कराने में दिक्कत है। कई बार पुरुषों को स्त्री के प्राइवेट पार्ट की रचना की सही जानकारी न होना भी इस तरह की समस्या का कारण होता है। बेहतर यही होगा कि प्रवेश पार्टनर की सुविधानुसार हो और इस काम में वह आपकी मदद करें। एक तो उन्हें अपनी शारीरिक रचना की जानकारी बेहतर है और उन्हें यह भी मालूम है कि वह कब तैयार हैं।

पहली रात में बहुत दर्द होता है या खून आता है इस तरह की बातें भी डर पैदा करती हैं। इस वजह से सहवास के दौरान स्त्री के प्राइवेट पार्ट के अगले हिस्से में संकुचन आ जाता है। खौफ की वजह से ही दोनों पांव भी साथ आ जाते हैं। इस स्थिति में भी परेशानी आ सकती है। यह मानसिक समस्या है। भय दूर करके, हकीकत समझा कर और व्यवहार में बदलाव लाने से ही समस्या का सही इलाज संभव है। ऐसा लग सकता है कि परेशानी आपकी है लेकिन पार्टनर की जांच भी उतनी ही जरूरी है।

वक्त बढ़ाने वाले कॉन्डम

बाजार में कई तरह के कॉन्डम आते हैं। मैंने सुना है, एक कॉन्डम ऐसा भी आता है जो सेक्स के टाइम को 1 घंटे तक बढ़ा सकता है। क्या यह सही है?- एक पाठक 
कॉन्डम का मकसद यह होता है कि पीनस का पार्टनर के प्राइवेट पार्ट से सीधा संपर्क न हो। इससे महिला गर्भवती नहीं होती। कॉन्डम यूज करने की दूसरी वजह यह होती है कि इससे एड्स जैसी बीमारियों से बचाव हो जाता है। सही तरीके से कॉन्डम का इस्तेमाल करना कुछ वैसा ही है जैसे एक कंकड़ से दो पक्षी मारना। बढ़ती जनसंख्या पर रोक लग सकती है और एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों से भी बचा जा सकता है। कुछ कॉन्डम पीले कॉन्डम कहलाते हैं। अगर किसी को जल्दी स्खलित हो जाने की समस्या है तो सेक्स के वक्त वह इस कॉन्डम को यूज कर सकता है। इससे उसके स्खलन का वक्त बढ़ सकता है। दरअसल, इस कॉन्डम के अंदरूनी हिस्से में लोकल एनेस्थेटिक लगा होता है, जो पीनस के आगे वाले संवदेनशील हिस्से को थोड़ा सुन्न कर देता है। कुछ लोगों में पीनस का आगे का हिस्सा ज्यादा संवेदनशील होता है। ऐसे लोगों के लिए ये कॉन्डम ज्यादा कारगर हो सकते हैं। जहां तक सेक्स का समय 1 घंटे तक बढ़ने की बात है, तो यह गलत है

उत्तेजना की चिंता से हो जाओ बेफिक्र...

सवाल: 28 साल का हूं। मैंने इंटरनेट पर एक विडियो में देखा कि जिस तरह लोग जिम में बायसेप्स बनाने के लिए डंबल से एक्सर्साइज करते हैं, उसी तरह अपने प्राइवेट पार्ट के लिए भी अगर एक्सर्साइज करें तो स्टैमिना में बढ़ोतरी होती है। मैंने 200 ग्राम वजन के साथ 5 से 10 मिनट के लिए प्राइवेट पार्ट वाली एक्सर्साइज की, लेकिन मेरी हालत पतली हो गई। अब मुझे उत्तेजना महसूस नहीं होती है। पॉर्न मूवी देखने के बाद भी प्राइवेट पार्ट में तनाव नहीं आ पाता। लोगों ने बताया कि प्राणायाम से फायदा होगा, उसे भी किया लेकिन फायदा नहीं हुआ। क्या करूं? -एक पाठक 
जवाब: आपने स्टैमिना बढ़ाने के लिए जो तरीका अपनाया था, वह सही नहीं है। लोग वेट लिफ्टिंग करते हैं अपनी बायसेप्स और बॉडी के मसल्स को मजबूत करने के लिए, लेकिन ध्यान रहे कि पुरुष के प्राइवेट पार्ट में मसल्स होते ही नहीं हैं। हकीकत यह है कि आप अपनी स्टैमिना बढ़ाना चाहते हैं और इसके लिए मस्तिष्क की मजबूती चाहिए न कि प्राइवेट पार्ट की। दरअसल, अक्सर ऐसी घटना के बाद लोग प्राइवेट पार्ट में उत्तेजना की ओर जरूरत से ज्यादा ध्यान देने लगते हैं कि उत्तेजना होती है कि नहीं। शायद उत्तेजना में कमी इसी का असर है। 

मैं आपसे एक प्रश्न पूछ रहा हूं कि आप सांस ले रहे हैं? क्या आप सचमुच सांस ले रहे हैं?... आप सवाल सुनने से पहले सांस ले रहे थे, लेकिन अहसास नहीं था। अब आपको अहसास हो गया है। उसी तरह से आप जितना ध्यान उत्तेजना पर केंद्रित करेंगे, उतनी ही उत्तेजना में कमी आएगी। जितने बेफिक्र रहेंगे, उत्तेजना उतनी ही जल्दी वापस आएगी। सच तो यह है कि एक ही अवस्था में चिंतित और उत्तेजित होना नामुमकिन है। जब भी नेगेटिव ख्याल दिमाग में आए या उत्तेजना होती है कि नहीं जैसी बातें बार-बार दिमाग में आए तो 4 से 5 बार लंबी-लंबी सांस लेना शुरू कर दें। इससे आपकी चिंता में काफी कमी आ सकती है और चिंता से मुक्ति आपका एक मात्र इलाज है। 

क्या महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाती है वायग्रा?

सवाल: क्या मैं वायग्रा ले सकती हूं या फिर मेरे लिए कोई दूसरा विकल्प है? -एक पाठिका 

जवाब: जब टेस्ट के तौर पर औरतों को वायग्रा दी गई तो उससे कोई फायदा नहीं हुआ था। दरअसल, महिलाओं में सहवास के चार चरण हैं: 1. कामेच्छा या ख्वाहिश, 2.ल्यूब्रिकेशन (उत्तेजना का बैरोमीटर), 3. प्रवेश, 4. क्लाइमेक्स या चरमसीमा 

इन चार चरणों में कहीं भी गड़बड़ी हो तो उसका कारण ढूंढकर उसका सही इलाज किया जा सकता है। वहीं, पुरुषों में कामेच्छा के बाद प्रवेश के लिए प्राइवेट पार्ट में सही तनाव का होना जरूरी है। अगर तनाव ठीक से नहीं आए तो वायग्रा की गोली उसे ठीक करने में सहायता करती है। मिसाल के तौर पर अगर किसी को 25 फीसदी तनाव आया हो तो यह गोली उसे बढ़ाकर 95 फीसदी तक आसानी से ले जा सकती है। 

यह गोली भूखे पेट बेहतर असर करती है। सीधे शब्दों में कहें तो यह गोली पुरुषों के लिए फायदेमंद है लेकिन महिलाओं के लिए किसी काम की नहीं। अगर किसी महिला की ख्वाहिश कम रहती है तो उसका मानसिक कारण भी हो सकता है और शारीरिक कारण भी। इसकी जड़ तक जाकर इलाज किया जा सकता है।